कोरोना संक्रमण के चलते विधानसभा का कामकाज भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है। 2019 के शीतकालीन सत्र से 2021 के बजट सत्र तक औसत छह दिन ही कामकाज हो सका है। इसके चलते विधायकों द्वारा लोगों के लिए उठाए गए सवाल भी काफी कम हुए हैं और 12वीं विधानसभा से मौजूदा 14वीं विधानसभा तक लोगों के लिए उठाए गए सवालों में 74 फीसदी की कमी आई है।